18वें लोकसभा के स्पीकर पद को लेकर सियासत गरमा गई है. देश के इतिहास में पहली बार लोकसभा स्पीकर को लेकर चुनाव होगा. एक ओर जहां एनडीए ने ओम बिरला को ही लोकसभा स्पीकर बनाने की तैयारी की है। वहीं, विपक्ष ने भी के सुरेश के रूप में उम्मीदवार उतार दिया है। चुनाव 26 जून को होना है। खास बात है कि भारत 1952 के बाद पहली बार स्पीकर के चुनाव का गवाह बनने जा रहा है।
संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के पक्ष में NDA के नेताओं ने 10 सेट में नामांकन दाखिल किया
संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के पक्ष में NDA के नेताओं ने 10 सेट में नामांकन दाखिल किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और NDA के अन्य नेता मौजूद थे। वहीं, विपक्षी की ओर से कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए बिरला के खिलाफ 3 सेट में नामांकन दाखिल किया।
नामांकन से पहले राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष के पास स्पीकर के समर्थन के लिए राजनाथ सिंह का फोन आया था। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे, लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने दोबारा फोन करने की बात कही थी, हालांकि अब तक कॉल नहीं आया।
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इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश भविष्य की ओर देख रहा है, आप अपनी कमियां छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं. बीते 10 सालों में 140 करोड़ भारतीयों को आपने जो अघोषित आपातकाल का आभास करवाया, उसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है.
पार्टियों को तोड़ना, चोर दरवाजे से चुनी हुई सरकारों को गिरना, 95 फीसदी विपक्षी नेताओं पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्रियों तक को जेल में डालना और चुनाव के पहले सत्ता का इस्तेमाल करके लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ना- क्या ये अघोषित आपातकाल नहीं है? मोदी जी सहमति और सहयोग की बात करते हैं पर उनके एक्शन इसके विपरीत हैं.
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