बिहार बेहूर जेल से बाहर निकलते वक्त मनीष कश्यप
बिहार बेहूर जेल से बाहर निकलते वक्त मनीष कश्यप

बिहार के मनीष कश्यप को पहले तो पटना हाईकोर्ट से जमानत वाली राहत मिली।

मनीष कश्यप पर तमिलनाडु और बिहार दोनों ही प्रदेश में कानून का शिकंजा कसा था। बिहार के लोगों के साथ तमिलनाडु में हुई हिंसा के मामले में मनीष कश्यप पर दोनों प्रदेश की पुलिस ने कार्रवाई की थी। मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में रासुका भी लगाया गया था।

इसके बाद इससे राहत पाने के लिए मनीष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था। हालांकि रासुका के मामले में मनीष कश्यप को राहत मिल गई थी। मनीष पर बिहार के बेतिया जिले में करीब 7 मामले दर्ज हैं। 

मनीष कश्यप ने कहा कि ‘बिहार में बहुत सारे कंस है जो मेरे खिलाफ साजिश कीये थे। मै बस बिहार को बदलना चाहता हु, और जो नेता बिहार को बदलना चाहते है उनके साथ मिलकर बिहार को बदलना चाहता हु।’

भीड को देखते हुए मनीष कश्यप ने कहा, ‘भाई आप लोग रास्ता दीजिए नही तो यहा पे कंस की सरकार है वो कभी भी मेरे उपर FIR करके फिर से जेल मे डाल देगी।’

संवाददाता ने जब मनीष कश्यप को सवाल किया, ‘नऊ महिने जेल मे रहे मनीष कश्यप जी आखिर क्या मानते है आपकी गलती से जेल मे गये या कोई साजिश थी?’

मनीष कश्यप ने सवाल देते हुए कहा कि, ‘मेरे खिलाफ साजिश किया गया था और उस साजिश के बजे से मै 9 महिना जेल मे रहा। जैसे कंस ने साजिश किया था तो श्रीकृष्ण को 9 महिना जेल मे ही रह के पैदा होना पडा था। वैसे ही बिहार में बहुत सारे कंस हे जो मेरे खिलाफ साजिश की ये थे।’

‘ये सजा कोर्ट ने नही दिया था, नेताओ ने दिया था मेरे उपर NSA लगा दिया था। बताईये 1980 के बाद से जब से NSA इम्प्लिमेंट हुआ तपसे लेके आज तक किसी पत्रकार के ऊपर, किसी युट्युबर के ऊपर, किसी सोशल वर्कर के ऊपर कभी NSA लगा है क्या? नही लगा है मनीष कश्यप के उपर लगाया गया । कोर्ट में उसे पेश कर दिया गया।’

‘कोर्ट ने NSA हटा दिया नही तो मै 2 महीने के अंदर अंदर जेल से बाहर निकल जाता।

तमिलनाडु में मनीष के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे। पटना सिविल कोर्ट ने इसके बाद मनीष को बड़ी राहत दी थी और तमिलनाडु की जेल में वापस नहीं भेजना का आदेश जारी किया था। वहीं मनीष को तमिलनाडु के केस में डिफॉल्ट बेल मिली थी। फिर क्या था मनीष को पचना के बेऊर जेल में रखा गया, ऐसे में पटना में दर्ज उनके खिलाफ मामले में सुनवाई होनी थी।

तमिलनाडु में दर्ज मामलों में भी उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। 

अब ऐसे में मनीष कश्यप की रिहाई की खबर से उनके चाहने वाले बेहद खुश हो रहे होंगे। 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद मनीष कश्यप की जेल से रिहाई कई मायनों मं उसके परिवार और चाहने वालों के लिए खास होने वाली है। मनीष कश्यप जेल में रहते हुए भी जब-जब मीडिया के सामने आए जमकर बिहार की राजनीति और खासकर तेजस्वी यादव पर जमकर बरसे थे।   

यह भी देखे: https://youtube.com/@Aapkeliye_24

मनीष कश्यप

मनीष कश्यप ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। नामांकन पत्र पर मनीष ने अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ लिखा था, जो उनका असली नाम है।

जानकारी के मुताबिक, मनीष खुद को ‘बिहार का बेटा’ बताते हैं।

9 मार्च 1991 को जन्मे मनीष कश्यप बिहार के चंपारण के रहने वाले हैं। उन्होंने 2009 में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की और बाद में बिहार के महारानी जानकी कुंवर कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां से उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा पूरी की।

यूट्यूबर ने साल 2016 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।

बाद में, उन्होंने YouTube पर वीडियो बनाना शुरू किया।

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