ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी करने वाले NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अफसर समीर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। अफसर समीर वानखेड़े पर आरोप हैं कि आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने सुपरस्टार शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। शनिवार को ED ने यह केस CBI की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए दर्ज किया है।
अफसर वानखेड़े ने इस बाबत बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है
केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) यानी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अफसर समीर वानखेड़े के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के कुछ पूर्व अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। समीर वानखेड़े 2008 बैच के IRS अफसर हैं। उन्होंने इस बीच गिरफ्तारी से बचने के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ED की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। वानखेड़े ने इस बाबत बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
एनसीबी द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने पिछले साल 27 मई को आर्यन खान को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि वह किसी भी बड़े ड्रग-डीलिंग रैकेट का हिस्सा नहीं थे, जैसा कि समीर वानखेड़े ने आरोप लगाया था. एनसीबी की आंतरिक जांच में पता चला कि एजेंसी के ‘इंफॉर्मेशन नोट’ में आखिरी समय पर आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट के नाम शामिल किए गए थे.
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इसके अलावा, जांच में पाया गया कि समीर वानखेड़े की टीम द्वारा फोन की जब्ती के दस्तावेजीकरण और बयानों की रिकॉर्डिंग जैसी प्रक्रियाएं ठीक से नहीं की गईं. एनसीबी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि समीर वानखेड़े अभिनेता शाहरुख खान के साथ अपनी चैट का उपयोग अपनी ईमानदारी के सबूत के रूप में नहीं कर सकते, क्योंकि उन्होंने इन चैट को ‘गुप्त’ रखा था.