Vinesh Phogat : ओलंपियन विनेश फोगट किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, एमएसपी की मांग 200 दिन तक पहुंची

पहलवान Vinesh Phogat शनिवार, 31 अगस्त को शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता में खड़ी हुईं, क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की उनकी मांग एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर पहुंच गई – 200 दिनों के निरंतर विरोध प्रदर्शन के। 

Vinesh Phogat : ओलंपियन विनेश फोगट किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, एमएसपी की मांग 200 दिन तक पहुंची
Vinesh Phogat : ओलंपियन विनेश फोगट किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, एमएसपी की मांग 200 दिन तक पहुंची

13 फरवरी को प्राधिकारियों द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के बाद शुरू हुआ यह प्रदर्शन खनौरी और रतनपुरा सीमाओं पर अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी फैल गया है।

Vinesh Phogat ने किसानों के समर्थन में आवाज उठाई

किसान अन्य महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों के साथ-साथ सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिला है, जिसमें फोगाट भी शामिल हैं, जो किसानों के मुद्दों की मुखर पैरोकार रही हैं। दिन के कार्यक्रमों के दौरान किसानों ने उन्हें सम्मानित भी किया।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए Vinesh Phogat ने चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर अपनी पीड़ा व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “यह देखना दुखद है। वे सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, एथलीट भी नहीं। अगर वे हमें खाना नहीं खिलाएंगे, तो हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे। कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते।

हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन जब हम अपने परिवार को दुखी देखते हैं, तो हम उनका भरण-पोषण नहीं कर पाते। मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि वे सुनें और अपने किए वादों को पूरा करें। अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे, तो देश तरक्की नहीं कर पाएगा।” Vinesh Phogat

200 दिन बाद: किसानों की हताशा बढ़ी

किसानों का विरोध प्रदर्शन 200वें दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने से किसानों में निराशा बढ़ गई है। अमृतसर जिले के किसान नेता बलदेव सिंह बग्गा ने खुलासा किया कि सरकार से बातचीत करने के बार-बार किए गए प्रयासों पर उन्हें चुप्पी ही हाथ लगी है। 

बग्गा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बार-बार पत्र लिखा है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 11वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, लेकिन हमारी मांगों पर ध्यान देने के बजाय सरकार किसानों की आवाज को दबाना जारी रखे हुए है।”

किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने किसानों से 31 अगस्त को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होने का आह्वान किया है, जहां नई घोषणाएं होने की उम्मीद है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पंधेर ने कहा, “हम एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे।” Vinesh Phogat

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