Surat में छठ पूजा की तैयारी और व्यवस्था

गुजरात के Surat शहर में भी छठ पूजा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और प्रेम बहुत गहरी है। यहां के विभिन्न घाटों पर विशेष रूप से छठ पूजा का आयोजन किया जाता है। Surat महानगरपालिका द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर साल विशेष इंतजाम किए जाते हैं, ताकि यह पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ पूरी तरह से सुरक्षित रूप से मनाया जा सके।

Surat में छठ पूजा की तैयारी और व्यवस्था

Surat में छठ पूजा के लिए शहर के प्रमुख घाटों पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को पूजा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए Surat प्रशासन द्वारा पुलिस बल की तैनाती भी की जाती है। सभी घाटों पर Surat पुलिस की चौकसी रहती है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और श्रद्धालुओं को पूजा करने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

Surat में श्रद्धालुओं का उत्साह

Surat शहर में हर साल छठ पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से होता है। लोग अपने-अपने घरों से तैयार होकर घाटों की ओर रुख करते हैं, जहां वे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह एक सामूहिक पर्व होता है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकत्र होते हैं। सूरत में इस अवसर पर विशेष मेले और कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जो इस पर्व को और भी विशेष बना देते हैं।

छठ महापर्व: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक

छठ महापर्व एक अद्भुत और प्राचीन भारतीय त्योहार है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और उनकी उपासना के लिए समर्पित है, जिसमें उगते और डूबते सूरज की पूजा की जाती है। यह त्योहार न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी भारतीय प्रवासियों द्वारा श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसे लेकर आस्था और विश्वास का गहरा रिश्ता है, और इस पर्व के दौरान लोग अपने परिवार की सुख-समृद्धि, शांति, और कल्याण की कामना करते हैं।

यह भी देखे : https://www.youtube.com/@ReportF3

छठ पूजा का महत्व और विशेषताएँ

छठ पूजा का आयोजन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है, जो दीपावली के छह दिन बाद होती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें पहले दिन ‘नहाय-खाय’, दूसरे दिन ‘खरना’, तीसरे दिन ‘संझा अरघ’ और चौथे दिन ‘प्रभात अरघ’ होता है।

छठ पूजा का आयोजन बहुत ही विशेष और ध्यानपूर्वक होता है, जिसमें हर क्रिया और कदम को पवित्र माना जाता है। खरना पूजा, जो छठ पूजा से दो दिन पहले होती है, विशेष रूप से श्रद्धालुओं द्वारा संतान सुख, समृद्धि और परिवार की भलाई के लिए की जाती है। इस दिन उपवासियों को खीर, रोटी, फल और गुड़ का प्रसाद दिया जाता है। खरना के दिन भक्त गंगाजल से स्नान करके संतान सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। इसके बाद, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष पूजा और अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

उगते सूरज और डूबते सूरज की पूजा

छठ पूजा का प्रमुख उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा करना है। सूर्य देवता को जीवनदाता और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है, साथ ही डूबते सूर्य की भी पूजा होती है। माना जाता है कि सूर्य देवता की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, और समग्र शांति का आगमन होता है। इसके साथ ही परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *