Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे

Surat : Surat के न्यू सिविल अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। शशिकांत नाम के मरीज को गंभीर हालत में परिजन इलाज के लिए अस्पताल लाए थे।

Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे
Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे

दोपहर 12 बजे अस्पताल में भर्ती किए गए शशिकांत को करीब ढाई बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों को उम्मीद थी कि शव जल्द सौंप दिया जाएगा ताकि वे अंतिम संस्कार की तैयारी कर सकें, लेकिन अस्पताल प्रशासन की बेरुखी और अनदेखी के चलते उन्हें घंटों तक शव के लिए इंतजार करना पड़ा।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने यह कहकर टाल दिया कि “आपके वार्ड के डॉक्टर मौजूद नहीं हैं, इसलिए शव शाम 6 बजे के बाद ही मिलेगा।” परिजन बेसब्री से इंतजार करते रहे। लेकिन जब शव सौंपने की बारी आई तो नए विवाद ने जन्म ले लिया। अस्पताल प्रशासन द्वारा दिए गए शव केस पेपर में मृतक का नाम ही गलत दर्ज कर दिया गया।

Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे
Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे

यह देखकर परिजन और ज्यादा आक्रोशित हो उठे। करीब 5 घंटे बीतने के बाद भी शव उन्हें नहीं सौंपा गया था। परेशान परिजन शव लेने के लिए वार्ड के बाहर खड़े रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

मृतक के रिश्तेदार योगेश खैड़कर ने बताया कि “हमने डॉक्टर और स्टाफ से कई बार विनती की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शव सौंपने में इतना समय लगाना अमानवीय है।”

Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे
Surat सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुस्साए परिजन, शव के लिए 4 घंटे तक भटकते रहे

इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया है। परिजनों की पीड़ा और प्रशासन की असंवेदनशीलता ने एक बार फिर अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह मामला प्रशासनिक जांच की मांग करता है ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े।

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