सूरत निवेश ठगी का एक नया मामला सामने आया है जिसमें 178 लोगों से 3.38 करोड़ रुपये की ठगी की गई। चौक बाजार पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने मासिक रिटर्न और रियल एस्टेट स्कीम का झांसा देकर लोगों को फंसाया।

आरोपी कौन है?
गिरफ्तार आरोपी का नाम नीलेश जादव है, जो पहले एलकेपी सिक्योरिटीज की फ्रेंचाइज़ी चला चुका है। 2020 में जादव ने नीलेश इन्वेस्टमेंट एंड शेयर ब्रोकिंग एंड रियल एस्टेट नाम से फर्म बनाई और लोगों को 1.5% मासिक रिटर्न का झांसा देकर निवेश करने को कहा।
कैसे हुई शुरुआत?
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब चेतन वाघेला नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जादव ने चेतन को नौकरी का प्रस्ताव दिया और साथ ही निवेश करने को कहा। चेतन ने ₹60,000 का निवेश किया और अपने 178 दोस्तों और रिश्तेदारों को भी जोड़ा।
ठगी का तरीका: नकली शेयर और अपार्टमेंट का लालच
- शुरुआती निवेशकों को समय पर रिटर्न मिला जिससे लोगों का भरोसा बढ़ा।
- अप्रैल 2024 से रिटर्न आना बंद हो गया।
- इसके बाद जादव ने निवेशकों को ठंडा करने के लिए नकली शेयर सर्टिफिकेट और सस्ते रियल एस्टेट अपार्टमेंट देने का झांसा दिया।
कानूनी कार्यवाही और गिरफ्तारी
निवेशकों को जब पैसे वापस नहीं मिले तो उन्होंने चौक बाजार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद नीलेश जादव को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और गुजरात डिपॉजिटर्स हित संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। सूरत निवेश ठगी
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क्या सीख मिलती है इस सूरत निवेश ठगी से?
- ऊँचे रिटर्न का वादा अक्सर जालसाजी हो सकता है।
- निवेश से पहले संबंधित कंपनी या व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच आवश्यक है।
- फर्जी स्कीमों से बचने के लिए हमेशा रजिस्टर्ड और रेगुलेटेड संस्थानों में ही निवेश करें।