प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में बहुप्रतीक्षित विजिनजम पोर्ट का औपचारिक उद्घाटन किया। यह बंदरगाह भारत का पहला डीप-वॉटर कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है और इससे देश की समुद्री ताकत को एक नया बल मिलने वाला है। लेकिन यह केवल एक बुनियादी ढांचे का उद्घाटन नहीं था, बल्कि यह अवसर राजनीति के लिहाज़ से भी खासा अहम बन गया।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा कर रहे थे केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर। विपक्षी INDIA गठबंधन के दो प्रमुख चेहरों की इस उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
मोदी का व्यंग्य: “आज का कार्यक्रम कई लोगों की नींद उड़ा देगा”
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने कहा,
“मैं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को कहना चाहता हूं कि आप INDI गठबंधन के एक मजबूत स्तंभ हैं। शशि थरूर भी यहां बैठे हैं, और आज का कार्यक्रम कई लोगों की नींद उड़ा देगा।”
मोदी का यह बयान एक सीधा राजनीतिक संकेत था, जो स्पष्ट तौर पर विपक्षी खेमे को लक्षित कर रहा था। खास बात यह रही कि जब मंच पर मौजूद अनुवादक उनके इस व्यंग्य को सही से व्यक्त नहीं कर पाए, तो मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा:
“मैसेज चला गया जहां जाना था।”
यह वाक्य अब सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष के भीतर इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

विजिनजम पोर्ट: भारत की समुद्री रणनीति में क्रांतिकारी कदम
राजनीतिक बयानबाजी से अलग अगर परियोजना की बात करें, तो विजिनजम पोर्ट भारत के समुद्री इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह परियोजना अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा विकसित की गई है और इसकी कुल लागत ₹8,867 करोड़ है।
प्रमुख विशेषताएं:
- यह भारत का पहला डीप-वॉटर कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है।
- Public-Private Partnership (PPP) मॉडल पर आधारित यह पोर्ट Design, Build, Finance, Operate, Transfer (DBFOT) सिद्धांत पर काम करता है।
- इसकी वर्तमान क्षमता 5 मिलियन TEUs है, जिसे भविष्य में तीन गुना तक बढ़ाने की योजना है।
- यह बंदरगाह बड़े कार्गो जहाजों को हैंडल करने में सक्षम है, जिससे भारत की विदेशी ट्रांसशिपमेंट पर निर्भरता घटेगी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब तक भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट कार्य विदेशों के बंदरगाहों में होता था, तब तक देश को भारी राजस्व नुकसान उठाना पड़ता था। अब विजिनजम पोर्ट के माध्यम से यह पैसा भारत में ही रहेगा।
भारत का बढ़ता समुद्री प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया के तीन सबसे बड़े सीफेरर (seafarers) प्रदाताओं में शामिल है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में भारत की पोर्ट कैपेसिटी दोगुनी हुई है, कार्यकुशलता में सुधार हुआ है और टर्नअराउंड टाइम 30% तक घटा है।
इस पोर्ट से न केवल दक्षिण भारत को फायदा होगा, बल्कि यह भारत को एशिया और अफ्रीका के बीच समुद्री ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित करेगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया?
जहां एक ओर सरकार इस परियोजना को विकास का प्रतीक विजिनजम पोर्ट बता रही है, वहीं विपक्षी खेमों में प्रधानमंत्री के बयानों को लेकर असहजता देखी जा रही है। विशेषकर तब जब कांग्रेस और वामपंथी दल INDIA गठबंधन में मिलकर 2024 के चुनावों की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में विजयन और थरूर की मंच पर एक साथ मौजूदगी और मोदी की चुटकी, अंदरूनी मतभेदों को उजागर करती नजर आती है। विजिनजम पोर्ट
निष्कर्ष
विजिनजम पोर्ट भारत की समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई देने वाला है, इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन जिस अंदाज़ में इसका उद्घाटन राजनीतिक संकेतों और बयानों से घिरा रहा, वह दर्शाता है कि देश में विकास कार्य भी अब राजनीतिक गणनाओं का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
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