4 मई 2025 को, यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इज़राइल के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बेन गुरियन एयरपोर्ट, के पास मिसाइल हमला किया गया। इस हमले के कारण एयर इंडिया की दिल्ली से तेल अवीव जाने वाली उड़ान संख्या AI139 को अबू धाबी की ओर मोड़ना पड़ा। यह घटना अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हमले का विवरण
हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई मिसाइल बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास गिरी, जिससे आठ लोग घायल हुए और हवाई यातायात में बाधा उत्पन्न हुई। मिसाइल विस्फोट से टर्मिनल 3 के पास एक बड़ा गड्ढा बन गया, हालांकि कोई बड़ा संरचनात्मक नुकसान नहीं हुआ। हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, यह कहते हुए कि यह गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में किया गया था। Reuters
एयर इंडिया की उड़ान AI139 का मार्ग परिवर्तन
एयर इंडिया की उड़ान AI139, जो दिल्ली से तेल अवीव जा रही थी, हमले के समय जॉर्डन के हवाई क्षेत्र में थी। मिसाइल हमले की सूचना मिलने के बाद, सुरक्षा कारणों से विमान को अबू धाबी की ओर मोड़ दिया गया। इस निर्णय से यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
इज़रायली रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
हमले के बाद, इज़रायली रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज़ ने कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उसे सात गुना नुकसान पहुंचाएंगे।”
क्षेत्रीय तनाव और विमानन सुरक्षा पर प्रभाव
यह हमला और उसके बाद की घटनाएं क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकती हैं। हूती विद्रोहियों का ईरान से समर्थन प्राप्त है, और उनका इज़राइल के खिलाफ यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को और जटिल बना सकता है। इसके अलावा, इज़राइल की प्रतिक्रिया से यमन में मानवीय संकट और गहरा सकता है, क्योंकि हवाई हमलों से नागरिक संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचा है।
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निष्कर्ष
बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हुए हमले और एयर इंडिया की उड़ान AI139 के मार्ग परिवर्तन ने अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। यह घटना दर्शाती है कि क्षेत्रीय संघर्ष कितनी जल्दी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डाल सकते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहना आवश्यक है।