सूरत शहर में यातायात पुलिस द्वारा चलाए गए हेलमेट जागरूकता अभियान ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। इस अभियान के परिणामस्वरूप, सड़क दुर्घटनाओं में घातक मामलों और सिर की चोटों में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। यह पहल न केवल यातायात नियमों के पालन को बढ़ावा देती है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक सिद्ध हुई है।

हेलमेट जागरूकता अभियान की शुरुआत
15 फरवरी 2025 से सूरत शहर में हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया। इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने स्वयं हेलमेट पहनकर बाइक चलाकर नागरिकों को संदेश दिया कि हेलमेट पहनना केवल कानूनी बाध्यता नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
अभियान के प्रभाव और आंकड़े
हेलमेट जागरूकता अभियान के दौरान, 15 फरवरी से 30 मार्च 2025 के बीच, सड़क दुर्घटनाओं में घातक मामलों की संख्या में 24% की कमी आई है। पिछले वर्ष की समान अवधि में 75 घातक दुर्घटनाएं हुई थीं, जो इस वर्ष घटकर 57 रह गईं। इसके अतिरिक्त, 15 फरवरी से 15 अप्रैल के बीच, सिर की चोटों के मामलों में 23% की कमी दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष 286 से घटकर इस वर्ष 221 हो गई हैं।

जागरूकता गतिविधियाँ और प्रवर्तन
पुलिस ने स्कूलों, कॉलेजों, रिहायशी सोसाइटियों और औद्योगिक इकाइयों में जागरूकता अभियान चलाया। ट्रैफिक जंक्शनों और मुख्य सड़कों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां ऑडियो घोषणाओं और प्लेकार्ड्स के माध्यम से हेलमेट पहनने के महत्व को बताया गया। इसके अलावा, 19 अप्रैल से 2 मई तक, ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें कुल 3,356 मामले दर्ज किए गए। सबसे आम उल्लंघन गैर-मानक नंबर प्लेट और ट्रिपल-सीट राइडिंग के थे।
नो-पार्किंग जोन और अतिक्रमण पर कार्रवाई
शहर में प्रत्येक चौराहे से 25 मीटर दूर तक के क्षेत्र को ‘नो पार्किंग जोन’ घोषित किया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य चौराहों के आसपास यातायात अव्यवस्था को कम करना है। पुलिस ने सड़क किनारे स्टॉल, हाथ ठेले और रिक्शा स्टैंड्स पर भी कार्रवाई की है, जिससे यातायात की सुगमता सुनिश्चित हो सके।
सारांश
सूरत में हेलमेट जागरूकता अभियान ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन लाया है। इस पहल से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आई है, बल्कि नागरिकों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। पुलिस और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से सूरत एक सुरक्षित और अनुशासित शहर बनने की दिशा में अग्रसर है।
2024 में सूरत में 300 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं में 2-व्हीलर चालकों की मृत्यु हुई, जिनमें से अधिकांश हेलमेट न पहनने के कारण हुई थीं। इस आंकड़े को ध्यान में रखते हुए, डीसीपी अमिता वानानी ने हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, “सूरत के नागरिक अब जुर्माने से अधिक अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।”
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