सूरत गोलीकांड ने मजदूरों में फैलाई दहशत
गुजरात के सूरत शहर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। सूरत गोलीकांड की यह घटना पूणागाम क्षेत्र की है, जहां एक साड़ी फैक्ट्री में दिनदहाड़े फायरिंग और लूटपाट की गई। इस खौफनाक वारदात में एक पूर्व कर्मचारी ने अपने साथी के साथ मिलकर न केवल गोलियां चलाईं, बल्कि मजदूरों से मोबाइल फोन और नकदी भी लूट ली।

कैसे हुआ सूरत गोलीकांड: घटना का पूरा विवरण
सूरत गोलीकांड बुधवार, 5 जून को उस वक्त हुआ, जब दोपहर के समय पूणागाम की भाग्योदय इंडस्ट्री नामक साड़ी फैक्ट्री में दिलीप सिंह नाम का एक पूर्व कर्मचारी बंदूक के साथ पहुंचा। उसके साथ एक अन्य अज्ञात व्यक्ति भी था। दोनों ने फैक्ट्री के ऑफिस में घुसकर तीन राउंड फायरिंग की और फिर सभी मजदूरों को धमकाया।
इसके बाद उन्होंने तीन कारीगरों से मोबाइल फोन और नकद राशि लूट ली, जिसकी कुल कीमत 10,000 रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। जाते-जाते उन्होंने सभी मजदूरों को धमकाते हुए कहा, “अगर दोबारा काम पर आए तो जान से मार देंगे।”
🟡 सीसीटीवी में कैद हुई पूरी घटना
`सूरत गोलीकांड की पूरी घटना फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे आरोपी फैक्ट्री में दाखिल हुए, हथियार लहराए और फायरिंग की। यही सीसीटीवी फुटेज अब पुलिस जांच का अहम हिस्सा बन गया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
जैसे ही सूरत गोलीकांड की सूचना पुलिस को मिली, तुरंत घटनास्थल पर पीआई वी.एम. देसाई और उनकी टीम पहुंची। उन्होंने बताया कि तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं ताकि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
दिलीप सिंह, जो एक से डेढ़ साल पहले इसी फैक्ट्री में अकाउंट डिपार्टमेंट में काम कर चुका है, की पहचान उसकी फोटो आईडी और मोबाइल नंबर के आधार पर की गई है।
पूर्व कर्मचारी ने क्यों उठाया यह खतरनाक कदम?
सूरत गोलीकांड के पीछे की वजहों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह हमला पूर्व कर्मचारी की किसी पुरानी रंजिश का परिणाम हो सकता है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह कोई पूर्व नियोजित अपराध था या अचानक गुस्से में लिया गया फैसला।
सूरत गोलीकांड ने सुरक्षा व्यवस्था पर खड़े किए सवाल
इस घटना ने न केवल मजदूरों को डरा दिया है, बल्कि फैक्ट्री मालिकों और उद्योगपतियों के सामने एक गंभीर सवाल भी खड़ा कर दिया है—क्या हमारे कार्यस्थलों की सुरक्षा पर्याप्त है? सूरत गोलीकांड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा को अब प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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निष्कर्ष: अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी जरूरी
सूरत गोलीकांड सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि कैसे सुरक्षा चूक किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। पुलिस को उम्मीद है कि सीसीटीवी और अन्य डिजिटल सबूतों की मदद से आरोपी जल्द गिरफ्त में होंगे। फैक्ट्री प्रबंधन को भी अपने कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच को लेकर और सतर्क रहने की जरूरत है।