🚨 सूरत में बड़ी कार्रवाई: 48 घंटे में 119 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी

सूरत पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी में दिखाई सख्ती

गुजरात के सूरत शहर में पुलिस ने बीते 48 घंटे में एक बड़ा अभियान चलाया, जिसमें 119 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई। यह कार्रवाई शहर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में की गई, जहां इन अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ पहले से संदेह था। यह ऑपरेशन सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच, लोकल पुलिस स्टेशन और खुफिया एजेंसियों के सहयोग से किया गया।

🚨 सूरत में बड़ी कार्रवाई: 48 घंटे में 119 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी
🚨 सूरत में बड़ी कार्रवाई: 48 घंटे में 119 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी

बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी कहां से हुई?

पुलिस ने भेस्तान, ऊन, पांडेसरा, सचिन और चौक बाजार जैसे क्षेत्रों में एक साथ छापेमारी कर के 119 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की। इन क्षेत्रों में लंबे समय से मजदूरी का काम करने वाले अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या की सूचनाएं मिल रही थीं। पुलिस को आशंका थी कि इनमें से कई लोग फर्जी पहचान पत्रों के साथ रह रहे हैं।

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पूछताछ और जांच प्रक्रिया

सभी गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों से गहन पूछताछ की जा रही है। उनके दस्तावेजों की वैधता जांची जा रही है और कई मामलों में फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और पते के सबूत सामने आए हैं। पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों के पास पहचान के लिए कोई दस्तावेज नहीं था।

बायोमेट्रिक जांच और राष्ट्रीय एजेंसियों को सूचना

इन सभी बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद उनका बायोमेट्रिक डेटा लिया गया है। इस डेटा को राष्ट्रीय और खुफिया एजेंसियों को भी साझा किया जाएगा ताकि यदि ये लोग भविष्य में फिर से अवैध रूप से देश में प्रवेश करें, तो उन्हें तुरंत पहचान कर गिरफ्तार किया जा सके।

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पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारी और निर्वासन की कार्रवाई

यह कोई पहली बार नहीं है जब बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी सूरत में हुई हो। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 200 से ज्यादा बांग्लादेशियों को निर्वासित किया जा चुका है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। सरकार और गृह विभाग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कड़े निर्देश दिए हैं।

गृह विभाग कर रहा है निर्वासन की प्रक्रिया पूरी

चूंकि सूरत पुलिस का बांग्लादेश से कोई सीधा संपर्क नहीं होता, इसलिए गिरफ्तार किए गए अवैध प्रवासियों के निर्वासन की कार्रवाई गृह विभाग द्वारा की जा रही है। भारत सरकार, बांग्लादेश सरकार के साथ समन्वय कर के इन सभी को देश से बाहर भेजेगी।

सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला

बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला भी है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कुछ अवैध प्रवासी आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त हो सकते हैं। इसलिए इनकी पहचान, पूछताछ और निगरानी अत्यंत आवश्यक है।

पुलिस अधिकारी की बाइट

एडिशनल सीपी (क्राइम) राघवेंद्र वत्स ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया:

“हमने 48 घंटे के भीतर सूरत के विभिन्न क्षेत्रों से 119 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की है। इनमें से कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे थे। सभी के बायोमेट्रिक्स लिए जा चुके हैं और कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें निर्वासित किया जाएगा।”


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निष्कर्ष (Conclusion):

बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की यह कार्रवाई सूरत पुलिस की मुस्तैदी और गंभीरता को दर्शाती है। ऐसे मामलों में सख्त कदम न केवल स्थानीय सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, बल्कि राष्ट्रीय हित में भी महत्वपूर्ण हैं। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में लगातार निगरानी बनाए रखनी होगी, ताकि कोई भी विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के देश में न रह सके।

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