सूरत में सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो एक बड़ा संकट बनकर उभरा है। बीते दो दिनों में हुई मूसलधार बारिश ने जून महीने की औसत वर्षा को पार कर लिया, जिससे सिमाडा क्षेत्र की कई सोसायटी पूरी तरह जलमग्न हो गईं। पानी लोगों के घरों में घुस गया और 24 घंटे से अधिक समय तक जमा रहा, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।

बारिश का पानी इस बार सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि घरों के भीतर, बेसमेंट, पार्किंग और गलियों तक पहुंच गया। सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो की वजह से यह स्थिति बनी और प्रशासन को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया।
मेयर दक्षेश मवानी ने दिए सफाई और दवाई के आदेश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सूरत के मेयर दक्षेश मवानी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मौके पर मौजूद नगर निगम अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर प्रभावित क्षेत्र में तुरंत सफाई अभियान शुरू किया जाए और जलजनित रोगों से बचाव के लिए दवाई का छिड़काव कराया जाए।

मेयर मवानी ने कहा, “जून की पूरी बारिश दो ही दिनों में हो गई है, जिससे सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो हो गया और आस-पास की सोसायटी में जलभराव हो गया। हमारी प्राथमिकता अब महामारी को फैलने से रोकना है।“
इस बयान के साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो बारिश के बाद की गंदगी और संक्रमित पानी की वजह से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो से नुकसान और खतरे
सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो के कारण सिर्फ संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ, बल्कि नागरिकों का दैनिक जीवन पूरी तरह से ठप हो गया। कामकाजी लोग अपने कार्यालय नहीं जा सके, स्कूल बंद करने पड़े और सड़कों पर आवाजाही मुश्किल हो गई।
सड़कों पर कीचड़ और जलभराव के चलते कई जगह वाहन फंस गए, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। व्यापारियों का कहना है कि दुकानों में पानी भर जाने से लाखों का माल खराब हो गया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सिमाडा क्रीक के नियमित रखरखाव में लापरवाही के कारण यह समस्या खड़ी हुई है। अगर समय रहते क्रीक की सफाई और जलनिकासी व्यवस्था मजबूत की जाती, तो सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो की नौबत नहीं आती।

भविष्य के लिए क्या सबक?
इस प्राकृतिक आपदा से सबसे बड़ा सबक यह है कि मौसम परिवर्तन और असामान्य वर्षा अब सामान्य होते जा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम और शहरी नियोजन विभाग को चाहिए कि वह भविष्य को ध्यान में रखते हुए मजबूत और दीर्घकालिक समाधान निकाले।
सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो जैसी स्थितियों से बचने के लिए जरूरी है कि:
- क्रीक और ड्रेनेज की नियमित सफाई हो
- वर्षा पूर्व तैयारियों की समीक्षा हो
- संकट प्रबंधन प्रणाली को तेज किया जाए
- नागरिकों को समय रहते चेतावनी मिले

निष्कर्ष
सिमाडा क्रीक ओवरफ्लो ने सूरत में एक बार फिर दिखा दिया है कि कुदरत की मार और प्रशासन की तैयारी के बीच कितना अंतर है। हालांकि मेयर ने सक्रियता दिखाई है, लेकिन जरूरत इससे कहीं ज्यादा है — एक स्थायी समाधान और जवाबदेही की। केवल तत्काल सफाई और दवाई से बात नहीं बनेगी, बल्कि जलप्रबंधन और भविष्य की योजना में ठोस बदलाव जरूरी है।
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