🔶 सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन: पर्यावरण अनुकूल तकनीक की नई मिसाल
सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन भारत के हरित भविष्य की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। बुधवार को सूरत में देश का पहला सोलर-पावर्ड स्मार्ट बस स्टेशन शुरू हुआ, जिसे सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (SMC) ने 1.60 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया है। यह परियोजना पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और तकनीकी उन्नति का बेहतरीन उदाहरण मानी जा रही है।

🔶 सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन: टिकाऊ शहरों की ओर एक कदम
सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन न केवल इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए 24×7 हरित ऊर्जा उपलब्ध कराता है, बल्कि इसमें आधुनिक सुविधाएं भी शामिल हैं जैसे:
- 100 किलोवाट की रूफटॉप सोलर प्लांट
- 224 किलोवॉट ऑवर की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS)
- मुफ्त Wi-Fi
- स्मार्ट लाइटिंग
- बस चार्जिंग पॉइंट्स
यह स्टेशन जर्मन विकास एजेंसी GIZ के सहयोग से डिज़ाइन किया गया है और भारत के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा है।
🔶 सोलर एनर्जी से चार्ज होती हैं इलेक्ट्रिक बसें
सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन दिन में सौर ऊर्जा को इकट्ठा करता है और पुनर्नवीनीकरण (second-life) बैटरियों में संग्रहित करता है। रात के समय इन बैटरियों के ज़रिए इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज किया जाता है। इस तकनीक से न केवल ग्रिड पर दबाव कम होता है बल्कि अक्षय ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिलता है।
SMC के लाइट और एनर्जी एफिशिएंसी सेल के कार्यकारी इंजीनियर प्रकाश पंड्या ने बताया कि यह प्रणाली शहर के ऊर्जा खर्च को काफी कम कर सकती है।

🔶 सालाना 6.65 लाख रुपये की ऊर्जा बचत
अनुमानों के मुताबिक, सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन सालाना लगभग 1 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न करेगा, जिससे करीब 6.65 लाख रुपये की ऊर्जा लागत की बचत होगी। यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से नेट-ज़ीरो एनर्जी लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा।
🔶 बैटरियों के पुनः उपयोग में भी अग्रणी
इस परियोजना की खासियत यह है कि इसमें “second-life batteries” का उपयोग किया गया है। इससे ई-वेस्ट की समस्या का समाधान भी मिलता है और पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सकता है। सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन इस दृष्टिकोण से भारत के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है।
🔶 भारत के हरित भविष्य की दिशा में मजबूत कदम
प्रकाश पंड्या ने कहा, “यह सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है, बल्कि एक हरित, स्मार्ट और फ्यूचर-रेडी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की नींव है।” सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब तकनीक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी साथ मिलती है, तब भविष्य उज्ज्वल होता है।

🔻 निष्कर्ष:
सूरत का सोलर स्मार्ट बस स्टेशन केवल एक बस अड्डा नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है — टिकाऊ, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल शहरी विकास की ओर। यह मॉडल न केवल अन्य भारतीय शहरों को प्रेरित करेगा, बल्कि भारत को हरित ऊर्जा की दिशा में एक कदम आगे भी ले जाएगा।
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