सूरत में गुजरात के पहले 'सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी' को मंजूरी दी गई

भारत सरकार और गुजरात सरकार द्वारा सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में गुजरात का पहला ‘सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी (CoC)’ स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया जैसी वंशानुगत और गंभीर बीमारी के प्रभाव को खत्म करना है, जो विशेष रूप से आदिवासी समुदायों में व्यापक रूप से फैली हुई है।

सूरत में खुला गुजरात का पहला 'CoC' केंद्र: सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को मिलेगा बल
सूरत में खुला गुजरात का पहला ‘CoC’ केंद्र: सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को मिलेगा बल

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का उद्देश्य और महत्व

1 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के शहडोल से सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन-2047 का शुभारंभ किया था। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को पूरी तरह समाप्त करना है। यह मिशन जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।


गुजरात में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को मिला नया आयाम

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सूरत में CoC (Centre of Competency) को मंजूरी दी है, जो उन्नत निदान, आधुनिक उपचार और रोग की रोकथाम हेतु एकीकृत रणनीतियों को लागू करेगा। इस पहल के लिए केंद्र सरकार ने 6 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आदिवासी विकास मंत्री डॉ. कुबेर डिंडोर के नेतृत्व में यह एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।


CoC में मिलने वाली सुविधाएं

सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में स्थापित इस CoC में निम्नलिखित सुविधाएं शामिल होंगी:

  • 30 उपचार बिस्तर
  • 2 आईसीयू बिस्तर
  • आधुनिक प्रयोगशाला
  • रोगियों के लिए उन्नत डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट सिस्टम
  • चिकित्सकों और नोडल अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र

सिकल सेल एनीमिया क्या है?

सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं अर्द्धचंद्राकार (सिकल शेप्ड) हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में रुकावट डालती हैं। इससे मरीज को तीव्र दर्द, संक्रमण, थकान और अंगों को नुकसान हो सकता है। यह बीमारी मुख्यतः आदिवासी समुदायों में अधिक पाई जाती है।


जनजातीय क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव

गुजरात के 14 आदिवासी जिलों में सिकल सेल एनीमिया की समस्या गंभीर है, खासकर दक्षिण गुजरात में जहाँ आदिवासी जनसंख्या अधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए सूरत को CoC के लिए चुना गया है। यह न केवल चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाएगा बल्कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को धरातल पर क्रियान्वित करने में सहायक होगा।

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शोध, प्रशिक्षण और जागरूकता

CoC का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य रोग पर शोध, संपूर्ण डेटा संग्रह, और निरंतर अनुवर्ती योजना को लागू करना है। आदिवासी स्कूलों और कॉलेजों में साल भर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, स्थानीय जनजातीय भाषाओं में प्रशिक्षण सामग्री और जानकारी साहित्य तैयार कर लोगों तक पहुँचाया जाएगा।


अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा

भारत सरकार ने गुजरात सहित 17 राज्यों में CoC की स्थापना को मंजूरी दी है। इससे स्पष्ट होता है कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है। गुजरात इस मिशन में एक मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है।


निष्कर्ष

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन भारत के आदिवासी समुदायों की स्वास्थ्य देखभाल में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सूरत में स्थापित CoC न केवल गुजरात के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस पहल से आने वाले वर्षों में सिकल सेल जैसी जानलेवा बीमारी को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी। यह गुजरात सरकार की प्रतिबद्धता और भारत सरकार की दूरदर्शिता का प्रतीक है।

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