हल्द्वानी हिंसा की तस्वीरें...
 उत्तराखंड के Haldwani  में सांप्रदायिक दंगे की भी कोशिश

उत्तराखंड के Haldwani में अवैध मस्जिद-मदरसे पर बुलडोजर एक्शन से हिंसा फैल गई है. हलद्वानी के बनभूलपुरा इलाके में गुरुवार को नगर निगम ने मस्जिद और मदरसे को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया. इसके बाद हिंसा की आग इतनी भयावह तरीके से फैली कि पूरे इलाके में दंगा हो गया, शहर छावनी में तब्दील हो गई और कर्फ्यू लगा दिया गया.

Haldwani हिंसा में अब तक 2 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों लोग घायल हैं. मगर अब हल्द्वानी हिंसा को लेकर प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है. Haldwani हिंसा पर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने जो खुलासे किए हैं, वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं. खुद डीएण वंदना सिंह ने कहा है कि Haldwani हिंसा के पीछे एक बड़ी साजिश है.

इस घटना के बाद अब धामी सरकार एक्टिव जरूरी हो गई है। तमाम कार्रवाइयों के आदेश दिए गए हैं। लेकिन इस हिंसा ने कहीं न कहीं पुलिस और प्रशासनिक अमले की तैयारियों को भी उजागर कर दिया है। पुलिस इंटेलिजेंस, एलआईयू पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें कैसे नहीं पता चला कि छतों पर पत्थर इकट्‌ठा किए जा रहे हैं। बता दें ये घटना उस समय सामने आई है, जब एक दिन पहले ही उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी पास हुआ है। जाहिर है इस लेकर अतिसंवेदनशील इलाकों पर स्वाभाविक तौर पर अलर्ट होना चाहिए था।

वंदना सिंह ने कहा, ‘हाईकोर्ट के आदेश के बाद Haldwani में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस दिया गया और सुनवाई के लिए समय दिया गया. कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जबकि कुछ को समय दिया गया. कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम द्वारा विध्वंस अभियान चलाया गया. यह कोई अलग गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को लक्षित नहीं किया गया था.

डीएम ने बताया कि ये खाली प्रॉपर्टी है। इसमें दो स्ट्रक्चर हैं, ये न तो किसी धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड हैं, न ही किसी प्रकार से मान्यता प्राप्त हैं। इस स्ट्रक्चर को कुछ लोग मदरसा कहते हैं, कुछ लोग पूर्व नमाज स्थल कहते हैं। लेकिन उसका विधिक रूप से कोई दस्तावेज नहीं है।

उन्हें हमने खाली कराया। ओपन स्पेस ले लिया गया। फिर एक नोटिस स्ट्रक्चर पर चस्पा कराया क्योंकि कथित रूप से ये एरिया मलिक का बगीचा नाम से जाना जाता है। जबकि कागजों में ये नगर निगम के नजूल के रूप में दर्ज है। नोटिस में तीन दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए। 30 तारीख के इस नोटिस में कहा गया था कि अगर तीन दिन के अंदर मालिकाना हक से संबंधित अभिलेख प्रस्तुत करें, नहीं तो नगर निगम इसे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा। 4 तारीख की तारीख निर्धारित की गई।

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डीएम ने बताया कि 3 तारीख को इस संबंध में तमाम संभ्रांत लोग नगर निगम के सभागार में आए और इस दौरान हमसे चर्चा में उन्होंने तमाम बिंदु रखे और मांग की कि हमें हाईकोर्ट जाने का एक अवसर दिया जाए। चूंकि हम पहले ही समय दे चुके थे, लिहाजा हमने समय नहीं दिया। रात को फ्लैग मार्च शुरू किया गया तो उन्होंने कुछ एक दस्तावेज सौंपा, जिसमें उसी संपत्ति को लेकर एक 2007 का एक आदेश था, जिसमें हाईकोर्ट द़्वारा जिलाधिकारी को आदेश दिए गए थे, किसी प्रार्थना पत्र के डिस्पोजल के लिए। हमने उस आदेश का सम्मान करते हुए, उसकी पत्रावली दिखवाई गई।

उत्तराखंड के Haldwani में गुरुवार को अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है और तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. अधिकारियों के मुताबिक, बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते हुए गोली मारने के आदेश दिए गए. उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

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Haldwani हिंसा की तस्वीरें

हल्द्वानी हिंसा की तस्वीरें...
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