अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई नेताओं को मारने की बड़ी साजिश नाकाम हुई है. न्यूयॉर्क सिटी में एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा गया है, जो अमेरिका में नेताओं की हत्या करने के लिए आया था. इस शख्स के संबंध ईरान की सरकार के साथ हैं, जो यूएस को अपना दुश्मन मानता है. अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, न्याय विभाग ने गिरफ्तार शख्स पर राजनीतिक हत्याएं करने की साजिश रचने और ईरानी सरकार के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी शख्स की गिरफ्तारी के तुरंत बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. हालांकि, आपराधिक शिकायत में साफ तौर पर ट्रंप का नाम नहीं है. मगर कई स्रोतों ने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तानी शख्स के निशाने पर ट्रंप भी थे. पूर्व राष्ट्रपति पर हाल ही में हमला हुआ था, जब एक रैली के दौरान उन पर गोलियां चलाई गईं. गनीमत ये रही कि गोली उन्हें लगने के बजाय उनके कान को छूते हुए निकल गई.

ट्रंप पर हुआ था जानलेवा हमला?

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में पिछले महीने एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान ताबड़तोड़ गोलियां चली थी. इस दौरान एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली थी. ट्रंप के कान से खून छलछला उठा, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था. वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया.

ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स के तौर पर की गई थी. थॉमस पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग का रहने वाला था. वह घटनास्थल से बेमुश्किल 70 किलोमीटर की दूरी पर रहता था. उसके पास सेमी- ऑटोमैटिक एआर-15 राइफल थी, इसी राइफल से उसने ट्रंप को निशाना बनाकर रैली में हमला किया था.

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