Maharashtra Election Results 2024: एनडीए महाराष्ट्र में जीत के लिए तैयार, राज्य में भाजपा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ स्कोर से बल मिलाMaharashtra Election Results 2024: एनडीए महाराष्ट्र में जीत के लिए तैयार, राज्य में भाजपा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ स्कोर से बल मिला

Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक मंथन और संभावनाओं की कहानी

Maharashtra Election Results 2024: एनडीए महाराष्ट्र में जीत के लिए तैयार, राज्य में भाजपा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ स्कोर से बल मिला
Maharashtra Election Results 2024: एनडीए महाराष्ट्र में जीत के लिए तैयार, राज्य में भाजपा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ स्कोर से बल मिला

Maharashtra की राजनीति हमेशा से अपने उलझे समीकरणों, गठबंधनों के खेल और बदलते राजनीतिक समीकरणों के लिए चर्चा में रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव ने भी यही प्रवृत्ति जारी रखी। चुनावी अखाड़ा तैयार होने से पहले ही कई मोर्चों पर राजनीतिक उठा-पटक और नए गठबंधनों की चर्चा ने माहौल को गर्म कर दिया। इस बार महायुति (भाजपा-शिंदे सेना-अजित पवार गुट) और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।

महायुति की बढ़त: रिकॉर्ड की ओर

महायुति, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना (शिंदे गुट), और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का गुट शामिल है, इस चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन की ओर बढ़ रही है। 288 विधानसभा सीटों में से 223 सीटों पर दोपहर 12 बजे तक महायुति आगे चल रही थी। यह आंकड़ा Maharashtra के राजनीतिक इतिहास में अभूतपूर्व है। अभी तक कोई भी गठबंधन 200 का आंकड़ा नहीं छू सका था।

इस गठबंधन में भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, और वह 126 सीटों पर आगे चल रही है। शिंदे गुट ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा, और वह 56 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर लड़ रही है और 38 पर आगे चल रही है। यह आंकड़े बताते हैं कि महायुति के तीनों घटक इस बार मजबूती से उभरे हैं।

महाविकास अघाड़ी: कमजोर प्रदर्शन

दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी (एमवीए), जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं, केवल 55 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर बढ़त है, जबकि शरद पवार की एनसीपी 86 सीटों पर चुनाव लड़कर 17 पर आगे है। ठाकरे गुट 95 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है और 15 पर आगे है।

प्रमुख चेहरों की बात

चुनाव में कई बड़े नामों ने अपनी किस्मत आजमाई। निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे जैसे दिग्गज मैदान में थे।

  • एकनाथ शिंदे अपनी ठाणे की कोपरी-पचपाखड़ी सीट से 28,000 वोटों से आगे चल रहे थे। उनका मुकाबला उनके गुरु आनंद दीघे के भतीजे केदार दीघे से था।
  • अजित पवार बारामती से शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार के खिलाफ लड़ रहे थे। वह भी 28,000 वोटों से आगे थे।
  • आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से कांग्रेस के पूर्व नेता मिलिंद देवड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर वह 600 वोटों से पीछे चल रहे थे।

Maharashtra चुनावी माहौल और एग्जिट पोल की कहानी

इस चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ, और 65.1% वोटिंग दर्ज की गई। यह 1995 के बाद सबसे अधिक मतदान है। दोनों गठबंधनों ने इस वृद्धि को अपने पक्ष में बताया, लेकिन परंपरागत रूप से यह माना जाता है कि मतदान में बढ़ोतरी मौजूदा सरकार के खिलाफ होती है।

एग्जिट पोल के नतीजों ने महायुति की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी। एनडीटीवी द्वारा अध्ययन किए गए 11 एग्जिट पोल में से केवल एक ने एमवीए की जीत की संभावना जताई थी। इन पोल्स का औसत महायुति को 155 और एमवीए को 120 सीटें देता है। Maharashtra

हालांकि, एमवीए नेता संजय राउत ने इन एग्जिट पोल्स को खारिज करते हुए कहा था कि ये अक्सर गलत साबित होते हैं। उन्होंने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों के नतीजों का हवाला देते हुए एमवीए के 160-165 सीटें जीतने का दावा किया था।

मुख्यमंत्री पद की रेस

चुनाव परिणामों से पहले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल शुरू हो गई थी। भाजपा और शिंदे सेना के बीच इसे लेकर खींचतान देखी गई। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया, जबकि शिंदे सेना ने एकनाथ शिंदे को बनाए रखने की वकालत की।

दूसरी ओर, एमवीए में कांग्रेस ने दावा किया कि अगर वह सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के पास होगा। लेकिन एमवीए के अन्य घटकों ने इस पर कोई सहमति नहीं जताई।

2019 का चुनाव: संदर्भ और बदलाव

2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने मिलकर 161 सीटें जीती थीं। हालांकि, सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर दोनों दलों में दरार पड़ गई। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।

यह गठबंधन लगभग तीन साल तक चला, लेकिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद एमवीए सरकार गिर गई। शिंदे भाजपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बने। इसके बाद अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी भी विभाजित हो गई और भाजपा-शिंदे सेना गठबंधन का हिस्सा बन गई। Maharashtra

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भविष्य की तस्वीर

महायुति की बड़ी जीत के संकेतों के साथ, Maharashtra की राजनीति एक नए अध्याय की ओर बढ़ रही है। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन के भीतर संघर्ष जारी रहेगा। दूसरी ओर, एमवीए को अपनी हार के बाद आत्ममंथन करना होगा और यह तय करना होगा कि उसे अपनी ताकत को फिर से कैसे खड़ा करना है।

निष्कर्ष

Maharashtra विधानसभा चुनाव 2024 न केवल चुनावी आंकड़ों की कहानी है, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक परिपक्वता और गठबंधनों की जटिलता को भी दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सत्ता के समीकरण कैसे बदलते हैं और राज्य की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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