SURAT के गोडादरा इलाके में महाराणा प्रताप सोसाइटी में गंदे और दूषित पानी के प्रवेश के आरोपों के साथ एक गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि 22 वर्षीय युवक की मौत गंदे पानी के कारण हुई। जबकि सोसायटी के लोगों ने बताया कि 40 से अधिक निवासी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं।

नगर निगम की टीम ने पूरे मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी घरों की टंकियों में भरे पानी को खाली कराया। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने घटनास्थल से पानी के नमूने ले लिए हैं और आगे की जांच कर रहे हैं।
SURAT के गोडादरा इलाके में महाराणा प्रताप सोसाइटी में गंदे और दूषित पानी के प्रवेश के आरोपों के साथ एक गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। साथ ही SURAT नगर निगम की लापरवाही के कारण जयेश उद्धव सिरसागर नामक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई है, जबकि 40 से अधिक निवासी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोसायटी के लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से उन्हें बदबूदार और खराब पानी की आपूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं। इस मामले को लेकर नगर निगम प्रशासन को बार-बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया। लेकिन आरोप लगे हैं कि किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप पिछले कई दिनों से लगातार उल्टी, कब्ज, बुखार और पेट दर्द की शिकायतें बढ़ गई थीं।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि एक के बाद एक 40 से अधिक लोग बीमार पड़ गए। अचानक एक युवक की मौत के बाद सिस्टम हरकत में आया और स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों ही मौके पर पहुंच गए।SURAT
SURAT सोसायटी के लगभग 250 घरों में दूषित पानी पहुंच गया है
आरोप है कि सोसायटी के लगभग 250 घरों में दूषित पानी पहुंच गया है। नगर निगम की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी घरों की टंकियों में भरा पानी खाली कराया। इसके साथ ही पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। दूषित जल के प्रभाव से प्रभावित कई लोग वर्तमान में निजी और सिविल अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। भारी असंतोष के बीच स्थानीय विधायक ने भी सोसायटी का दौरा किया और घटना की जानकारी लेने के बाद प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
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नगर निगम ने अब जन जागरूकता के लिए सोसायटी में बैनर लगाए हैं, जिनमें डायरिया और उल्टी जैसी बीमारियों से बचने के निर्देश दिए गए हैं। एहतियात के तौर पर सोसायटी के बाहर नगर निगम की एक एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इसके अलावा, स्थानीय निवासी अब मांग कर रहे हैं कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं।