Operation Sindoor भारतीय सेना द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए सबसे प्रभावी और साहसी अभियानों में से एक बन गया है। यह अभियान न केवल भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि अब आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस अभियान के दौरान, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकवादी संगठनों के नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर सटीक निशाना
Operation Sindoor के तहत जिन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें से प्रमुख ठिकाना था बहावलपुर स्थित मरकज सुभान अल्लाह, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय है। यही नहीं, इस हमले में जैश के सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य मारे गए, जिनमें उसकी बड़ी बहन, उसका पति, भतीजा और उसकी पत्नी भी शामिल थे।
मसूद अजहर ने खुद बीबीसी उर्दू को दिए एक बयान में इस बात की पुष्टि की कि Operation Sindoor के चलते उसके परिवार के सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं। अजहर ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए एक उग्र बयान में कहा कि “अब किसी को रहम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।”

आतंकवादी संगठनों पर जोरदार कार्रवाई
भारतीय वायुसेना ने Operation Sindoor के अंतर्गत सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद ही नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के ठिकानों को भी निशाना बनाया। जिन स्थलों को मिसाइल हमलों से तबाह किया गया, उनमें शामिल हैं:
- मरकज अब्बास (कोटली)
- सैयदना बिलाल शिविर (मुजफ्फराबाद)
- मरकज़ तैयबा (मुर्दिके)
- मरकज़ अहले हदीस (बरनाला)
- शवावाई नल्ला शिविर (मुजफ्फराबाद)
- मक्काज राहिल शाहिद (कोटली)
- महमूना जोया (सियालकोट)
इनमें से चार लक्ष्य पाकिस्तान में और पाँच लक्ष्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित थे। यह सभी ठिकाने आतंकवादी नेटवर्क के प्रमुख अड्डे माने जाते थे, जहाँ नई भर्ती, प्रशिक्षण और आतंकी योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जाती थी।
“Operation Sindoor” का सांस्कृतिक और भावनात्मक संदर्भ
Operation Sindoor सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक प्रतीकों से भी जुड़ा हुआ है। “सिंदूर” भारतीय संस्कृति में एक विवाहित स्त्री की पहचान का प्रतीक है। इस ऑपरेशन का नामकरण उस दिल दहला देने वाली तस्वीर से प्रेरित बताया जा रहा है, जिसमें 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक महिला अपने पति के शव के पास बैठी रो रही थी। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
इस दृश्य ने देशभर में आक्रोश और पीड़ा फैला दी थी। इसी भावनात्मक पृष्ठभूमि से प्रेरणा लेकर भारतीय सेना ने Operation Sindoor की शुरुआत की — एक ऐसा अभियान जो नारी सम्मान, न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक बन गया।
आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम
Operation Sindoor ने यह साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवादी ठिकानों पर केवल चेतावनी नहीं, बल्कि सीधा और सटीक जवाब देगा। यह भी एक बड़ा संदेश है कि भारत आतंकवाद को उसके गढ़ में घुसकर खत्म करने की नीति पर आगे बढ़ चुका है।
इस हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में दहशत का माहौल है, और आतंकी संगठनों के अंदरूनी ढांचे में दरारें पड़ चुकी हैं। मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगना के परिवार को हुए नुकसान ने यह भी दिखा दिया कि भारत अब भावनाओं से नहीं, रणनीतिक जवाबी कार्रवाई से आतंक का जवाब देगा।
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🔍 निष्कर्ष
Operation Sindoor न केवल सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत की नई रणनीति की घोषणा है — एक ऐसी नीति जिसमें आतंकवाद को जड़ से खत्म करना प्राथमिकता है। मसूद अजहर जैसे खतरनाक आतंकियों के परिवार को झटका देना इस बात का संकेत है कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपनाएगा।