जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास पर गुरुवार को सीबीआई की टीम पहुंची। एजेंसी के अधिकारियों ने इस दौरान उनके घर पर कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में हुए घोटाले से जुड़े दस्तावेज खंगाले। अपने घर पर सीबीआई की टीम पहुंचने से सत्यपाल मलिक भड़क गए है और उन्होंने बिना नाम लिए ही सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सत्यपाल मलिक का कहना है कि सीबीआई ने उनके घर पर यह छापेमारी ऐसे वक्त में की है, जब वह बीमार होने के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह पिछले 3-4 दिनों से बीमार है।
सत्यपाल मलिक ने ट्वीट किया, पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। इसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाए जा रहे हैं। मेरे ड्राइवर, मेरे सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। में किसान का बेटा हूं। इन छापों से घबराऊंगा नहीं। में किसानों के साथ हूं।’ इस तरह सत्यपाल मलिक ने अपने इरादे जाहिर कर दिए कि वह किसान आंदोलन का समर्थन करते रहेंगे। बता दें कि सत्यपाल मलिक ने इससे पहले 2020-21 में हुए किसान आंदोलन का भी समर्थन किया था और सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
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जम्मू-कश्मीर के अलावा मेघालय और गोवा के भी राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक मोदी सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। उन्होंने ही जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ भास कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि 2200 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट की मंजूरी वाली फाइल उनके पास भी आई थी। उन्हें कहा गया था कि यदि यह फाइल को पास कर दें तो 300 करोड़ रुपये की रिश्वत उन्हें मिलेगी। सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्होंने इस फाइल को पास नहीं किया था। उनके इस मारोप के बाद ही एजेंसी ने केस दर्ज किया था और अप्रैल 2022 से ही मामले की जांच कर रही है।
कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (624 मेगावाट) जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित चिनाब नदी पर प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 7 मार्च 2019 को चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) द्वारा कीरू पनबिजली परियोजना (624 मेगावाट) के निर्माण के लिए निवेश को मंजूरी दी थी. इस परियोजना को पूरा करने में 4287.59 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. इसके निर्माण की जिम्मेदारी चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के पास है, जो एनएचपीसी, जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) और पीटीसी (PTC) का एक जॉइंट वेंचर है.